भगवान कौन हैं? (Bhagwan kaun hai?)
आदि पुरुष की परिभाषा और गुण:
Bhagwan kaun hai: आदि पुरुष का मतलब “प्रथम पुरुष” या “मूल पुरुष” है, और यह शब्द हिन्दू पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आदि पुरुष को सम्पूर्ण ज्ञान और शक्ति का भंडार माना गया है, जो मानवता को आत्मज्ञान की ओर मार्गदर्शन करते हैं। आदि पुरुष के गुणों को समझने के लिए वेदों और पवित्र ग्रंथों का अध्ययन आवश्यक है।
वेदों के अनुसार आदि पुरुष के गुण:
- ऋग्वेद मंडल 9, सूक्त 96, मंत्र 18: सर्वशक्तिमान ईश्वर द्युलोक (मुक्ति धाम) में रहते हैं।
- ऋग्वेद मंडल 10, सूक्त 4, मंत्र 3: सर्वशक्तिमान ईश्वर माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेते।
- ऋग्वेद मंडल 9, सूक्त 1, मंत्र 9: सर्वशक्तिमान ईश्वर धरती पर शिशु रूप में अवतरित होते हैं और उन्हें कुँवारी गाय का दूध पिलाया जाता है।
- ऋग्वेद मंडल 10, सूक्त 4, मंत्र 4: ईश्वर कभी किसी स्त्री के साथ नहीं होते।
- ऋग्वेद मंडल 9, सूक्त 96, मंत्र 18: सर्वशक्तिमान ईश्वर अपनी सच्ची आध्यात्मिक ज्ञान कविता के रूप में प्रदान करते हैं, जिससे वे एक प्रसिद्ध कवि के रूप में पहचाने जाते हैं।
आदि पुरुष का वास्तविक परिचय:
Bhagwan kaun hai:- इन गुणों के आधार पर, यह सिद्ध होता है कि हिन्दू त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, शिव) आदि पुरुष नहीं हैं क्योंकि वे सभी मानव जैसे गुणों और सीमाओं के अधीन हैं। वास्तविक आदि पुरुष कोई और नहीं बल्कि कबीर साहेब हैं, जिन्हें विभिन्न पवित्र ग्रंथों में सर्वोच्च ईश्वर के रूप में मान्यता प्राप्त है।
भगवान कहाँ रहते हैं ( Bhagwan Kaha Rhta Hai?)
सतलोक:
सतलोक एक अनन्त लोक है जहाँ आदि पुरुष, यानी परम अक्षर ब्रह्म, निवास करते हैं। सतलोक में कोई दुख, पीड़ा या ईर्ष्या नहीं है, केवल शांति और सुख है। यहाँ हर आत्मा के पास एक बड़ा बंगला और व्यक्तिगत विमान होता है, और पेड़ों पर फल और सब्जियाँ हमेशा लदे रहते हैं।
वेदों और गीता के अनुसार सतलोक:
- श्रीमद् भगवद गीता 15:17: परम अक्षर ब्रह्म (आदि पुरुष) अमर लोक सतलोक में निवास करते हैं।
- श्रीमद् भगवद गीता 18:62: अनन्त शांति प्राप्त करने के लिए परम अक्षर ब्रह्म की पूजा करें।
- श्रीमद् भगवद गीता 8:3: परम अक्षर ब्रह्म हमेशा आत्मा के साथ उपस्थित रहते हैं।
क्या हम आदि पुरुष को प्राप्त कर सकते हैं?
Bhagwan kaun hai:-हाँ, कलियुग में भी आत्मज्ञान प्राप्त करना और आदि पुरुष से मिलना संभव है। इसके लिए संत रामपाल जी महाराज जैसे प्रमाणित संत से दीक्षा लेना आवश्यक है, जो वास्तविक आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं। संत रामपाल जी महाराज के प्रवचनों को सुनकर और उनके मार्गदर्शन का पालन करके हम आदि पुरुष को प्राप्त कर सकते हैं।
दीक्षा लेने के लिए:
संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा लेने के लिए यहाँ क्लिक करें। अधिक जानकारी के लिए आप ‘ज्ञान गंगा’ पुस्तक भी डाउनलोड कर सकते हैं।